Friday, June 28, 2019

Bachcho ko yah shiksha jaroor de | बच्चों को यह शिक्षा जरूर दे



हेलो दोस्तों सभी व्यक्ति यही चाहते है कि उनका बेटा पढ़-लिखकर नेक, माता-पिता की सेवा करने वाला तथा महान बने| आज मै आपको बताऊंगा की हमें अपने बच्चो को कैसी शिक्षा देनी चाहिए|

Education


तो देर न करते हुए चलिए जानते है|

1. महापुरुषों के बारे में बताना – जब बच्चा छोटा होता है तो अधिकांश माता-पिता अपने बच्चो को यह कहकर घर रखते है कि बेटा वहाँ मत जाना, भूत है| वह बच्चा कभी भूत देखा नही होता है शायद इसलिए डर जाता है और उस जगह पर जाने से डरता है|

हम अपने बच्चो को यह भी सिखाते है कि जहाँ झगडा हो वहाँ से दूर रहे| शायद यह कहाँ सही हो सकता है लेकिन इससे बच्चों के ऊपर एक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है| जरा सोचिये कि यदि इंसान यह मानते रहता की शनि ग्रह बहुत खतरनाक है, मंगल से बैर नही करते, चाँद को गुस्सा नही दिलाते तो आज इंसान वहाँ नहीं जा पाता और न ही उनके रहस्यों को समझ पाता|
 वैसे ही झगड़े भी कई प्रकार के होते है – पारिवारिक झगड़ा, सामाजिक झगड़ा, व्यक्तिगत झगड़ा, राजनितिक झगड़ा, सीमावर्ती झगड़ा आदि|
पारिवारिक झगड़ा – वह झगड़ा जो किसी एक ही परिवार के सदस्यों के बीच हो उसे पारिवारिक झगड़ा कहते है| यह झगड़ा भूमि, भोजन, अर्थ या किसी छोटे कारण से भी हो सकता है |
सामाजिक झगड़ा - वह झगड़ा जो एक या अनेक समुदाय के सदस्यों के बीच हो उसे सामाजिक झगड़ा कहते है| यह झगड़ा धर्म, जाति, विशेष भूमि के सामाजिक बटवारे के कारण भी हो सकता है|
व्यक्तिगत झगड़ा - वह झगड़ा जो एक या दो सदस्यों के बीच हो उसे व्यक्तिगत झगड़ा कहते है|
यह झगड़ा पति-पत्नी के बीच, प्रेमी-प्रेमिका के बीच होता है|
राजनितिक झगड़ा - वह झगड़ा जो राजनितिक पार्टियों के बीच या राजनितिक कार्यकर्ताओं के बीच हो उसे राजनितिक झगड़ा कहते है|
सीमावर्ती झगड़ा - वह झगड़ा जो दो देशे के बीच भूमि सीमांकन के लिए हो उसे सीमावर्ती झगड़ा कहते है|
यदि बच्चा इन झगड़ो को नही समझेगा तो क्या वह इसका निदान निकाल पायेगा और कैसे वह पुलिस या नेता बनकर इस झगड़ा रुपी प्रदुषण को समझेगा और इसे दूर करेगा|
हमें बच्चो को डराने के बजाय महापुरुषों के बारे में बताकर उन्हें उत्साहित करना चाहिए|

2. संस्कार देना – हमें अपने बच्चो को माता-पिता, अपने से बड़ो, व गुरुजनों का सम्मान व आदर करने के लिए बताना चाहिए|

3. कर्म को पहचानना – हमें अपने बच्चों को यह बताना चाहिए की कर्म वह वस्तु होती है जिससे भाग्य बदला जा सकता है लेकिन साथ ही साथ ईश्वर के प्रति विश्वास बनाने की प्रेरणा देनी चाहिए|

अंततः हम यही कहना चाहते है कि हम सभी को उपरोक्त कथनों पर ध्यान देना चाहिए और अपने बच्चो को सही मार्ग दिखाना चाहिए क्योकि वे देश के और आपके उज्जवल भविष्य है|
आशा करता हूँ की यह लेख आपको पसंद आया हो| कृपया, अपना कीमती सुझाव हमें कंमेंट करे और इस पोस्ट को ज्यादे से ज्यादे शेयर करें|

धन्यवाद

13 comments: